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संज्ञा किसे कहते है परिभाषा और भेद : Sangya Kise kahate hain paribhash aur bhed
जाति वाचक संज्ञा- jati vachak sangya- जिन शब्दों से किसी किसी संज्ञा की समस्त जाति समुदाय का बोध होता है उन्हें जाति वाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- शहर, देश, सड़क, नदियाँ, समुद्र, राजधानी, पशु, वृक्ष, फल, फूल, जानवर, मानव, बूढ़ा, लड़की, छात्र, शिक्षक, रेल, महीना, वर्ष, अनाज, मंत्री,ज्ञानी, पंडित, सब्जी, कक्षा, पुस्तक, लेखक, कवि, महिला, पानी, चाय, कॉफ़ी, तम्बाकू, किताब, पर्वत, झील, नाव,आदि.
इस अंश में हमने संज्ञा किसे कहते हैं इस विषय पर
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Sangya Kise kahate hain paribhash aur bhed
संज्ञा किसे कहते है परिभाषा और भेद : Sangya Kise kahate hain paribhash aur bhed
संज्ञा की परिभाषा – Sangya Ki Paribhasha
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान,पदार्थ, गुण, भाव आदि के नाम को
संज्ञा कहते हैं . संज्ञा शब्द सम् और ज्ञा से मिलकर बना है सम् = ठीक प्रकार से
और ज्ञा= ज्ञान कराने वाला.
जैसे – राम, श्याम, गीता, मीना, पानी,दाल, पहाड़, ताजमहल.
अमृतसर, चीन, रूस, बचपन, युवा, गोदावरी, भाखड़ा नागल, लक्ष्मन झूला, हिन्द महासागर,
लाल सागर, सूर्य, सोमवार इत्यादि.
संज्ञा के भेद – संज्ञा कितने प्रकार की होती है.
हिंदी के व्यकाराणाचार्यों ने संज्ञा के मुख्यतः तीन भेद
किये हैं परन्तु कुछ विद्वानों ने दो भेद अलग से और माने हैं पूर्ववर्ती विद्वान
इन दो भेदों को मुख्य भेदों का उपभेद मानते हैं .
व्यक्ति वाचक संज्ञा- vykati vachak sangya ki paribhasha
जिन शब्दों से किसी एक ही व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि का
ज्ञान हो उन्हें व्यक्ति वाचक संज्ञा कहते हैं.
निम्नलिखित सारणी से संज्ञा को अच्छी प्रकार से समझ सकते
हैं.
- स्त्री-पुरुषों के नाम- राम, मोहन, संजय, भगत सिंह, गीता, समीना, मीरा आदि.
- दिनों के नाम- गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार आदि.
- महीनो के नाम- जनवरी, फ़रवरी, मार्च, चैत्र, वैशाख, कार्तिक, माघ.
- देशो के नाम- भारत,नेपाल, चीन, अमेरिका, रूस, जापान.
- शहरों के नाम- इलाहाबाद, दिल्ली, जयपुर, आगरा.
- महासागरों के नाम- प्रशांत महासागर, हिन्द महासागर.
- नदियों के नाम- गंगा,यमुना, सरस्वती, कालीसिंध, कावेरी.
- पर्वतों के नाम- एवरेस्ट, अरावली,रॉकी, कंचनजंघा.
- समाचार पत्रों के नाम- दैनिक जागरण, हिंदुस्तान टाइम्स, नया सवेरा.
- पुस्तकों के नाम- महाभारत, ऋग्वेद, शिव पुराण, गीता भागवत.
- ग्रह-नक्षत्रों के नाम- पृथ्वी, बुध, शनि, रेवती, अश्लेषा, स्वाति.
- त्यौहारों के नाम- रक्षा बंधन, ईद, होली, दिवाली, क्रिश्मश.
- जानवरों के नाम- चेतक, बादल, पवन, रामप्रसाद.
- सडकों के नाम- महात्मा गाँधी राजमार्ग, पटेल रोड, जीटी रोड.
- रेलों के नाम- शताब्दी एक्सप्रेस, तूफान एक्सप्रेस, कालका एक्सप्रेस.
- बांधों के नाम- भाखड़ा नांगल बांध, प्रताप सागर, सरदार सरोवर बांध.
- रंगों के नाम- लाल, गुलाबी, पीला, स्वेत, काला आदि.
जाति वाचक संज्ञा- jati vachak sangya- जिन शब्दों से किसी किसी संज्ञा की समस्त जाति समुदाय का बोध होता है उन्हें जाति वाचक संज्ञा कहते हैं. जैसे- शहर, देश, सड़क, नदियाँ, समुद्र, राजधानी, पशु, वृक्ष, फल, फूल, जानवर, मानव, बूढ़ा, लड़की, छात्र, शिक्षक, रेल, महीना, वर्ष, अनाज, मंत्री,ज्ञानी, पंडित, सब्जी, कक्षा, पुस्तक, लेखक, कवि, महिला, पानी, चाय, कॉफ़ी, तम्बाकू, किताब, पर्वत, झील, नाव,आदि.
भाव वाचक संज्ञा- bhav vachak sangya- जिन शब्दों से किसी
व्यक्ति,, वस्तु, स्थान आदि के गुण, दोष, धर्म, अवस्था, दशा, और bhav का ज्ञान हो.
उसे भाव वाचक संज्ञा कहतें.
भाव वाचक संज्ञा को 5 प्रकार से बनाया जाता है
सर्वनाम से भाव वाचक संज्ञा –
सर्वनाम
|
भाववाचक संज्ञा
|
स्व
|
स्वत्व
|
निज
|
निजता, निजत्व
|
अपना
|
अपनापन
|
अहं
|
अहंकार
|
आप
|
आपा
|
जातिवाचक संज्ञा से भाववाचक संज्ञा बनाना- hindi grammar
जातिवाचक से
|
भाववाचक संज्ञा
|
युवक
|
यौवन
|
नारी
|
नारित्वा
|
चोर
|
चौरी
|
इंसान
|
इंसानियत
|
वीर
|
वीरता
|
क्षत्रिय
|
क्षत्रित्व
|
विशेषणों से भाव वाचक संज्ञा-विशेषण शब्दों से भी भाव वाचक संज्ञा बनायीं जाति है-
जैसे-
विशेषण शब्द
|
भाववाचक संज्ञा
|
शिष्ट
|
शिष्टता
|
ललित
|
लालित्य
|
भयानक
|
भय
|
सफ़ेद
|
सफेदी
|
महान
|
महानता
|
मीठा
|
मिठास
|
कडवा
|
कड़वाहट
|
अव्यय शब्दों से भाववाचक संज्ञा बनाना-
अव्यय शब्द
|
भाववाचक संज्ञा
|
ऊपर
|
उपरी
|
बाहर
|
बाहरी
|
दूर
|
दूरी/दूरस्थ
|
मना
|
मनाही
|
चतुर
|
चतुराई/चातुर्य
|
क्रिया शब्दों से भाववाचक संज्ञाओं का निर्माण- sangya kise kahate hain
क्रिया शब्द
|
भाववाचक संज्ञा
|
देखना
|
दिखावा
|
जलना
|
जलन
|
कमाना
|
कमाई
|
जीतना
|
जीत
|
पढ़ना
|
पढाई
|
बसना
|
बसावट
|
लिखना
|
लिखावट/लिखायी
|
जीना
|
जीवन
|
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