हरि शव्द इकारांत पुल्लिंग रूप
विभक्ति |
एकवचन |
द्विवचन |
बहुवचन |
प्रथमा |
हरि: |
हरी |
हरय: |
द्वितीया |
हरिम् |
हरी |
हरीन् |
तृतीया |
हरिणा |
हरिभ्याम् |
हरिभि: |
चर्तुथी |
हरये |
हरिभ्याम् |
हरिभ्य: |
पन्चमी |
हरे: |
हरिभ्याम् |
हरिभ्य: |
षष्ठी |
हरे: |
हर्यो: |
हरीणाम् |
सप्तमी |
हरौ |
हर्यो: |
हरिषु |
सम्बोधन |
हे हरे ! |
हे हरी ! |
हे हरय: ! |
hari shabd ke roop in sanskrit
हरि शब्द (विष्णु): इकारांत पुल्लिंग रूप, हरी शब्द के तृतीया विभक्ति एकवचनऔर षष्ठी विभक्ति बहुवचन के रूप में ‘न’ के स्थान पर ‘ण’ हो जाता हैं शेष नियम यथावत हैं
पयोधि, ऋषि, कपि, मुनि ,निधि, गिरि, अग्नि, जलधि, कवि, अरि, मणि, उदधि, रवि, आदि के रूप भी “ हरि ” के समान चलते है
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