कारक किसे कहते हैं हिंदी में
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कारक किसे कहते हैं हिंदी में

कारक की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण सहित


आज की इस पोस्ट में हिंदी व्याकरण के अति महत्वपूर्ण टॉपिक कारक पर एक शानदार पोस्ट लिखा गया है । इसमें कारक विभक्ति सूत्र, कारक अभ्यास प्रश्न, कारक की परिभाषा बताइए, कारक के उदाहरण, कारक कितने होते हैं, संस्कृत कारक सूत्र आदि को शामिल किया गया है। आप सभी इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें:-

कारक किसे कहते हैं?

जो भी क्रिया को करने में भूमिका निभाता है, वह कारक कहलाता है।
कारक के उदाहरण :

  1. वह पहाड़ों के बीच में है।
  2. नरेश खाना खाता है।
  3. सूरज किताब पढता है।


कारक के भेद कितने है?

कारक के मुख्यतः आठ भेद होते हैं, जिनके नाम निम्नानुसार है-


  1. कर्ता कारक
  2. कर्म कारक
  3. करण कारक
  4. सम्प्रदान कारक
  5. अपादान कारक
  6. संबंध कारक
  7. अधिकरण कारक
  8. संबोधन कारक

कर्ता कारक किसे कहते हैं?

जो वाक्य में कार्य को करता है, वह कर्ता कहलाता है। कर्ता वाक्य का वह रूप होता है, जिसमे कार्य को करने वाले का पता चलता है।

  1. कर्ता कारक का विभक्ति चिन्ह ‘ने’ होता है।
  2. कर्ता कारक के उदाहरण :-
  3. समीर जयपुर जा रहा है।
  4. विकास ने एक सुन्दर पत्र लिखा।

कर्म कारक किसे कहते हैं?

वह वस्तु या व्यक्ति जिस पर वाक्य में की गयी क्रिया का प्रभाव पड़ता है वह कर्म कहलाता है।
कर्म कारक का विभक्ति चिन्ह ‘को’ होता है।

  1. कर्म कारक के उदाहरण :-
  2. रामू ने घोड़े को पानी पिलाया।
  3. मेरे दोस्त ने कुत्तों को भगाया।

करण कारक किसे कहते हैं?

वह साधन जिससे क्रिया होती है, वह करण कहलाता है। यानि, जिसकी सहायता से किसी काम को अंजाम दिया जाता वह करण कारक कहलाता है।
करण कारक के दो विभक्ति चिन्ह होते है : से और के द्वारा।
करण कारक के उदाहरण :-

  1. पत्र को कलम से लिखा गया है।
  2. अमित सारी जानकारी पुस्तकों से लेता है।

सम्प्रदान कारक किसे कहते हैं?

जब वाक्य में किसी को कुछ दिया जाए या किसी के लिए कुछ किया जाए तो वहां पर सम्प्रदान कारक होता है। सम्प्रदान का अर्थ ‘देना’ होता है
सम्प्रदान कारक के विभक्ति चिन्ह के लिए या को हैं।

  1. संप्रदान कारक के उदाहरण :-
  2. विकास ने तुषार को गाडी दी।
  3. रमेश मेरे लिए कोई उपहार लाया है।

अपादान कारक किसे कहते हैं?

जब संज्ञा या सर्वनाम के किसी रूप से किन्हीं दो वस्तुओं के अलग होने का बोध होता है, तब वहां अपादान कारक होता है।
यहाँ से का मतलब किसी चीज़ से अलग होना दिखाने के लिए प्रयुक्त होता है।
अपादान कारक के उदाहरण :-

  1. सांप बिल से बाहर निकला।
  2. आसमान से बिजली गिरती है।

संबंध कारक किसे कहते हैं?

संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जो हमें किन्हीं दो वस्तुओं के बीच संबंध का बोध कराता है, वह संबंध कारक कहलाता है।
सम्बन्ध कारक के विभक्ति चिन्ह का, के, की, ना, ने, नो, रा, रे, री आदि हैं।
संबंध कारक के उदाहरण :-

  1. यह सुरेश की बहन है।
  2. यह सुनील की किताब है।

अधिकरण कारक किसे कहते हैं?

संज्ञा का वह रूप जिससे क्रिया के आधार का बोध हो उसे अधिकरण कारक कहते हैं।
इसकी विभक्ति में और पर होती है। भीतर, अंदर, ऊपर, बीच आदि शब्दों का प्रयोग इस कारक में किया जाता है।
अधिकरण कारक के उदाहरण :-

  1. वह पहाड़ों के बीच में है।
  2. मनु कमरे के अंदर है।
  3. फ्रिज में आम रखा हुआ है।

संबोधन कारक किसे कहते हैं?

संज्ञा या सर्वनाम का वह रूप जिससे किसी को बुलाने, पुकारने या बोलने का बोध होता है, तो वह सम्बोधन कारक कहलाता है।
सम्बोधन कारक की पहचान करने के लिए ! यह चिन्ह लगाया जाता है।
सम्बोधन कारक के अरे, हे, अजी आदि विभक्ति चिन्ह होते हैं।
संबोधन कारक के उदाहरण :-

  1. अरे भाई ! तुम तो बहुत दिनों में आये।
  2. हे ईश्वर! इन सभी नादानों की रक्षा करना।

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